आँसुओं का कोष उर, दृग अश्रु की टकसाल, तरल जल-कण से बने घन-सा क्षणिक मृदुगात; जीवन विरह का जलजात! आँसुओं का कोष उर, दृग अश्रु की टकसाल, तरल जल-कण से बने घन-सा क्षणिक मृदुगात; ज...
ख्वाहिशें पूरी करी रब ने, जब भी माँगा साथ। झूम झूम चलते रहे जीवन में, ले हाथों में हाथ।। ख्वाहिशें पूरी करी रब ने, जब भी माँगा साथ। झूम झूम चलते रहे जीवन में, ले हाथो...
उसका आँचल धूप में,सुखमय शीतल छाँव, देख सुघड़ संतान को, उसको मिलता। उसका आँचल धूप में,सुखमय शीतल छाँव, देख सुघड़ संतान को, उसको मिलता।
तू नियती को क्यों दोष देता। तू नियती को क्यों दोष देता।
उसने तो अमृत छलकाया, अपने हिस्से विष ही आया उसने तो अमृत छलकाया, अपने हिस्से विष ही आया
अनजान आगे का सफ़र , बूढ़ा हुआ है यह शज़र इससे जिनको छाँव मिले, उनसे ही कई घाव मिले। अनजान आगे का सफ़र , बूढ़ा हुआ है यह शज़र इससे जिनको छाँव मिले, उनसे ही कई ...